Naihar dag lagal mori chunari
Release Date:
‘‘नैहर दाग लगल मोरी चुनरी।’’ - चित्त ही चुनरिया हैं। जो चित्त की दैवी प्रवृत्ति भगवान् तक की दूरी तय कराती है, वह सद्गुरु द्वारा प्राप्त होती है। उस चित्त पर प्रभु का रंग चढ़ता जाता है, प्रभु की आभा उतरने लगती है, चाँद और सूर्य की ज्योति छिप जाती है। यह साधनापरक भजन है।
#Kabir #Mira #Sadhguru
Naihar dag lagal mori chunari