हनुमान कथा : भगवान मिलन | हनुमान चालीसा के सैंतीसवीं चौपाई का अर्थ
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हनुमान कथा : भगवान मिलन | हनुमान चालीसा के सैंतीसवीं चौपाई का अर्थ
जै जै जै हनुमान गोसाईं । कृपा करहु गुरु देव की नाईं ॥ 37 ॥
हे हनुमानजी आपकी जय हो ऐसा तीन बार उन्होने लिखा है, इसके पीछे गहरा अर्थ छुपा हुआ है । हम जब आपस में एक दूसरे से मिलते हैं तब जय रामजी की कहते हैं । इन में से कोई भी बोलो मगर भगवान की जय होनी चाहिए ।
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हनुमान कथा : भगवान मिलन | हनुमान चालीसा के सैंतीसवीं चौपाई का अर्थ